Thursday, 23 April 2020

मुंबई में कोरोना विस्फोट का अनुमान, साढ़े 6 लाख तक पहुंच सकती है संक्रमितों की संख्या!

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आगामी दिनों में कोरोना विस्फोट हो सकता है। इसके मद्देनजर मुंबई के सेंट जार्ज और गुरु तेगबहादुर (जीटी) अस्पताल को एहतियातन कोरोना अस्पताल में रूपांतरित कर दिया गया है। कोरोना की स्थिति का जायजा लेने मुंबई आई केंद्रीय टीम का अनुमान है कि आगामी 30 अप्रैल तक महानगर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 42 हजार तक पहुंच सकती है जबकि 15 मई 2020 तक यह संख्या 6 लाख 56 हजार हो सकती है। वहीं, राज्य के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हमारे अनुमान के तहत यह आंकड़ा एक लाख तक जा सकता है।

केंद्रीय टीम का यह अनुमान विशेषोज्ञों के बीच बहस का मुद्दा बन गया है। यह भी कहा जा रहा है कि इतने अधिक कोरोना पॉजिटिव होने की अनुमान जताकर केंद्रीय टीम ने कोरोना वायरस से निपटने की राज्य सरकार के प्रयासों की अनदेखी कर दी है। बहरहाल, कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव मनोज जोशी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की टीम दो दिनों से मुंबई में है। बुधावर को इस टीम ने धारावी इलाके का दौरा भी किया। इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी मौजूद थे। इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय टीम ने वरली कोलीवाडा सहित अन्य कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों को दौरा किया था।

स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने भी संख्या बढ़ने की जताई थी आशंका

इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी मुंबई-पुणे में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई थी। लेकिन, मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि केंद्रीय टीम ने इस संबंध में हमें कोई ऐसा डाटा उपलब्ध नहीं कराया है। जबकि अंदरखाने अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है उसे देखते हुए केंद्रीय टीम के अनुमान के आधार पर तैयारी की जरूरत है।

केंद्रीय टीम के अनुमान के तहत काम पर जुटें अधिकारी

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मेयर बंगले पर आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे केंद्रीय टीम के अनुमान का संज्ञान लें। भले ही यह आंकड़ा हमारे अनुमान से अधिक है, लेकिन उसके तहत काम करें। वहीं, एक अधिकारी ने कहा कि हम केंद्रीय टीम के अनुमान को खारिज नहीं कर रहे हैं। लेकिन यदि झुग्गी बस्तियों में यदि दूरी बनाने के नियम का पालन किया गया तो अनुमानित आंकड़ों को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रमुख सचिव मनीष म्हैसकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जीटी और सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। 

कहां से आया यह आंकड़ा-भुजबल

कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मुंबई में साढे छह लाख से अधिक लोगों के कोरोना संक्रमित होने के दावे को ही गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा कहां से आया। इसकी जांच होनी चाहिए। भुजबल ने कहा कि मुंबई की जनसंख्या डेढ़ करोड़ है। ऐसे में अभी तक जो कोरोना संक्रमण के आंकड़े सामने आए है उस लिहाज से मुंबई में कोरोना संक्रमण की भविष्यवाणी बढ़ाचढ़ाकर की गई है।

सौजन्य अमर उजाला


Amritsar

अमृतसर भारत के पंजाब राज्य का एक शहर है। अमृतसर पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है। पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि सिक्खों का सबसे बड़ा गुरूद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है। ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को ही देखने आते हैं। स्वर्ण मंदिर अमृतसर का दिल माना जाता है। यह गुरू रामदास का डेरा हुआ करता था। अमृतसर का इतिहास गौरवमयी है। यह अपनी संस्कृति और लड़ाइयों के लिए बहुत प्रसिद्ध रहा है। अमृतसर अनेक त्रासदियों और दर्दनाक घटनाओं का गवाह रहा है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार अमृतसर के जलियांवाला बाग में ही हुआ था। इसके बाद भारत पाकिस्तान के बीच जो बंटवारा हुआ उस समय भी अमृतसर में बड़ा हत्याकांड हुआ। यहीं नहीं अफगान और मुगल शासकों ने इसके ऊपर अनेक आक्रमण किए और इसको बर्बाद कर दिया। इसके बावजूद सिक्खों ने अपने दृढ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति से दोबारा इसको बसाया। हालांकि अमृतसर में समय के साथ काफी बदलाव आए हैं लेकिन आज भी अमृतसर की गरिमा बरकरार है।





Work on Kharar flyover starts today

मालेगांव में पहले तो लॉकडाउन का उल्लंघन कर सड़क पर उतरे लोग, फिर किया पुलिस के साथ कुछ ऐसा

मालेगांव। महाराष्ट्र आजकल बेहद सुर्खियों में है। जब से पालघर में साधुओं और उनके ड्राइवर के साथ मॉब लिंचिंग की घटना हुई है तबसे ही मीडिया के कैमरे उसी तरफ घूमे हुए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के मालेगांव में एक बहुत ही तनावपूर्ण स्थिति बन गई, बता दें यलम्मा पुल पर बुधवार को बड़ी संख्या में लोग जुट गए थे। मौके पर पहुंचकर जब पुलिस ने उन्हें जाने के लिए कहा तो उन्होंने पुलिस को ही दौड़ा दिया।

जब घटनास्थल पर स्थिति बिगड़ता देखा तो मौके पर पुलिस के और जवान जुट गए। इसके बाद उपद्रवी मैदान छोकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन से परेशान होकर लोग पुल पर इकट्ठा होने लगे। जब पुलिस नें उन्हें जाने के लिए कहा तो वे नहीं माने और सुरक्षाकर्मियों को ही दौड़ा दिया। इस घटना के सामने आने के बाद मालेगांव फिर से चर्चाओं में है।आपको बता दें कि इस वक्त महाराष्ट्र के मालेगांव मेकोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 101 तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को 5 नए मामले सामने आए। मालेगांव महाराष्ट्र के रेड जोन में आता है, जो कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए खतरनाक माना जा रहा है।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते हुई 269 मौतों सहित कुल 5,652 मामलों के साथ महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की सूची में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। महाराष्ट्र सरकार कोरोना से लड़ने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है।

कोरोना संकट के बीच जगी उम्मीद, साल के अंत तक भारत में आ सकती है वैक्सीन!

नई दिल्ली। कोरोनावायरस से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है, हर रोज मरीजों की संख्या और इससे मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अभी तक इस वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नही बन पाई है। हालांकि इसके वैक्सीन के बनने को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है।

वैक्सीन बनाने को लेकर कई देश इसपर काम कर रहे हैं, माना जा रहा है कि साल के अंत तक भारत को भी कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन मिल सकती है। दरअसल विश्व प्रसिद्ध वैक्सीनोलॉजिस्ट और प्रोफेसर एड्रियन हिल का दावा है कि सितंबर तक दुनिया में पहली वैक्सीन आ जाएगी, जो कोरोना को मात देने में मदद करेगी। प्रोफेसर हिल का कहना है कि अगर ट्रायल पूरी तरह से ठीक गया और सबकुछ सही रहा तो सितंबर के बाद इस दवाई की सप्लाई शुरू होगी। भारत में भी ये दवाई साल के अंत तक आ सकती है। बता दें कि ब्रिटेन की ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में भी इसका ट्रायल शुरू हो रहा है। वैक्सीन बनाने को लेकर बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे एड्रियन हिल ने बताया कि अभी कई वैक्सीन ट्रायल के रूटीन में हैं, ऑक्सफॉर्ड में भी ऐसी ही एक वैक्सीन पर काम चल रहा है। हमें उम्मीद है कि इस ट्रायल में हम सफल होंगे, जिसके बाद हमारा फोकस अधिक से अधिक वैक्सीन बनाने पर होगा।

प्रोफेसर एड्रियन हिल के मुताबिक, ट्रायल के दौरान जो संकेत मिल रहे हैं उसके हिसाब से कोरोनावायरस के खिलाफ सिर्फ एक डोज़ काम कर पाएगी। इस वैक्सीन को बनाने में भारतीय प्रोफेसर की तरफ से मदद की जा रही है। इसको लेकर ब्रिटिश प्रोफेसर का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में जो हमारी मदद कर रहे हैं उनमें भारतीय प्रोफेसर भी शामिल हैं। हिल के मुताबिक, जिस वैक्सीन को तैयार किया जा रहा है उसके सफल होने की उम्मीद है लेकिन इसके लिए इम्युन सिस्टम मजबूत होना चाहिए, इसी दम पर ये जल्द से जल्द अच्छा काम कर सकती है।आदर पूनावाला जो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, उनका कहना है कि, दो हफ्ते के बाद हम एक महीने में 5 मिलियन डोज़ बनाने में कामयाब होंगे, जिसके बाद इसकी रफ्तार एक महीने में 10 मिलियन डोज़ तक पहुंचा पाएंगे। इस प्रोजेक्ट के साथ हमें लगातार कई लोगों का साथ मिल रहा है और दुनियाभर से लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। आदर पूनावाला का कहना है कि अगर सभी टेस्ट और बाकी ट्रायल पूरी तरह से ठीक होते हैं तो इस साल के अंत तक हमें दवाइयां मिल सकती हैं।गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी ने दुनियाभर में अबतक 25 लाख से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि 1 लाख 80 हजार से अधिक लोग अबतक मर चुके हैं। ऐसे में हर बड़ी महाशक्ति की यही कोशिश है कि इसको लेकर जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार की जाए।

Wednesday, 22 April 2020

कोरोना वॉरियर्स पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं, राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर लगाई मुहर

नई दिल्ली। कोरोना वॉरियस पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं है। स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए लाए गए अध्यादेश पर बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए।

अध्यादेश पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद अब स्वास्थकर्मियों पर हमला गैर जमानती होगा साथ ही 30 दिन के जांच पूरी होगी और 1 साल में फैसला आ जाएगा।

महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाले इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को आई चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है।

इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।


अवॉर्ड शो में टूटा हाथ लेकर पहुंची थीं ऐश्वर्या राय, बताया कैसे हुई ये हालत


मुंबई. कोरोना वायरस के चलते इन दिनों देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. इस बीच फिल्मी स्टार्स सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव हैं. वहीं लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर कई थ्रो बैक वीडियोज और तस्वीरों ट्रेंड करते दिखाई दे रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो (Throwback Video) बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय का भी हाल ही में खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) हाथ में फ्रैक्चर लेकर एक अवॉर्ड फंक्शन (Award Function) अटेंड करने पहुंची हैं. वहीं स्टेज पर खड़े होकर वो बता रही हैं कि ये हुआ कैसे और वो ऐसी हालत में भी ईवेंट अटेंड करने क्यों आई हैं.
दरअसल, ऐश्वर्या राय का वायरल हो रहा ये वीडियो काफी सालों पुराना है. जिसमें वो एक अवॉर्ड ईवेंट पर स्टेज पर बात करती दिखाई दे रही हैं. ये वीडियो 2002 का बताया जा रहा जिसमें वो हाथ में फ्रैक्चर लेकर अवॉर्ड ईवेंट पर पहुंची हैं. बताया ये भी जा रहा है कि इस ईवेंट पर एश्वर्या बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड लेने पहुंची थीं

अनोखा अंदाज़

यह हैं हमारे पूजनीय गुरप्रीत जी

ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਕਰਫਿਊ ਹਟਾਉਣ ਬਾਰੇ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਦਾ ਵੱਡਾ ਐਲਾਨ

ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਐਤਵਾਰ ਨੂੰ ਰਾਜ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਕਰਫਿਊ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਢਿੱਲ ਦੇਣ ਤੋਂ ਇਨਕਾਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਸਿਵਾਏ ਕਣਕ ਦੀ ਵਾਢੀ ਅਤੇ ਖਰੀਦ ਦੇ 3 ਮਈ ਤੱਕ, ਜਦੋਂ ਉਹ ਮੁੜ ਸਥਿਤੀ ਦਾ ਜਾਇਜ਼ਾ ਲੈਣਗੇ। ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਨੇ ਡੀਸੀਜ਼ ਵਲੋਂ ਸਾਰੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕਰਫਿਊ ਨੂੰ ਸਖਤੀ ਨਾਲ ਲਾਗੂ ਕਰਨ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ ਹਨ। ਇਸ ਹਫਤੇ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਏ ਰਮਜ਼ਾਨ ਦੇ ਅਰਸੇ ਦੌਰਾਨ ਵੀ ਕੋਈ ਢਿੱਲ ਜਾਂ ਰਿਆਇਤ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਇਹ ਫੈਸਲਾ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਅਤੇ ਪੁਲਿਸ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਸੀਨੀਅਰ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨਾਲ ਮੌਜੂਦਾ ਸਥਿਤੀ ਦਾ ਜਾਇਜ਼ਾ ਲੈਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਲਿਆ।ਇਹ ਫ਼ੈਸਲਾ 20 ਅਪ੍ਰੈਲ ਤੋਂ ਲਾਗੂ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਕੇਂਦਰੀ ਗ੍ਰਹਿ ਮੰਤਰਾਲੇ ਵੱਲੋਂ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਗੈਰ-ਕੰਟੇਨਮੈਂਟ ਜ਼ੋਨਾਂ ਲਈ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਛੋਟਾਂ ਤੇ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ।ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਹ ਵੀ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਰਮਜ਼ਾਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕੋਈ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕਰਫਿਊ ਪਾਸ ਜਾਰੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਣੇ ਚਾਹੀਦੇ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਡੀਸੀਜ਼ ਨੂੰ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਕਿ ਉਹ ਇਹ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਸਖਤ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣ ਕਿ ਇਸ ਸਮੇਂ ਕਰਿਆਨਾ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜ਼ਰੂਰੀ ਦੁਕਾਨਾਂ 'ਤੇ ਕੋਈ ਭੀੜ ਨਾ ਪਵੇ ਅਤੇ ਸਮਾਜਕ ਦੂਰੀਆਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਸਖਤੀ ਨਾਲ ਪਾਲਣ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ।

क्रोना

यह एक बहुत गम्भीर बीमारी है इससे बचने के लिए मास्क लगाए और अपने घर पर रहे बार बार साबुन से हाथ धोयें।